सासाराम के पुरानी जीटी रोड पर स्थित एक विशेष हनुमान मंदिर आज हनुमान जयंती पर विशेष आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यह मंदिर बिहार और झारखंड का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां 11 मुखी हनुमान जी की प्रतिमा विराजमान है। पूरे देश में केवल चार-पांच स्थानों पर ही 11 मुखी हनुमान जी की प्रतिमाएं स्थापित हैं। इनमें देहरादून का जामुनवाला, राजस्थान का भीलवाड़ा, मध्य प्रदेश के कावेरी और उज्जैन शामिल हैं।
पौराणिक कथा के अनुसार, कालकार मुख नामक राक्षस का वध करने के लिए हनुमान जी ने 11 मुखी रुद्रावतार लिया था। इस अवतार में उन्होंने बराह, नरसिंह, गरुड, हयग्रीव, हनुमान, श्री राम, शिव, अग्नि देव, नागदेव, गणेश भगवान और एक ज्ञान मुख को धारण किया।
मान्यता है कि 11 मुखी हनुमान जी के दर्शन से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। इससे धन-धान्य में वृद्धि होती है, संस्कार बढ़ते हैं और शत्रुओं का नाश होता है। भक्तों की समाज में प्रतिष्ठा भी बढ़ती है। एक रोचक तथ्य यह भी है कि जब देवी बंगाल से यात्रा कर मुंडेश्वरी और ताराचंडी होते हुए सासाराम के काली स्थान में विराजमान हुईं, तब उनके रक्षक के रूप में हनुमान जी भी 11 मुखों के साथ यहां प्रकट हुए। आज हनुमान जयंती के अवसर पर मंदिर में सुबह से ही विशेष पूजा-अर्चना की जा रही है।